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धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाये.👏👏 OM TEXTILES SHOWROOMS CHIRANA

  OM TEXTILES SHOWROOMS CHIRANA  धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाये 👏👏 धन संपदा और शांति के लिए दिवाली पर हम लक्ष्मी जी का पूजन करते है। दिवाली से 2 दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। समुद्र मंथन के दौरान धनतेरस के दिन ही भगवान धन्वंतरि अपने साथ अमृत का कलश और आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक भी कहा जाता है।  भगवान धन्वंतरि एवं कुबेर से प्रार्थना है की हम सभी को आरोग्य एवं सुख समृद्धि रूपी आशीर्वाद से हम सब पर कृपा बनाए रखे।  यह भी पढ़े :- सर्दियों में गुड़ खाने के इतने सारे फायदे नहीं जानते होंगे आप! चेहरे का निखार बढ़ाने में भी कारगर दिल में खुशिया घर में सुख का वास हो हीरे मोती से जड़ा आपका ताज हो  मिटे सब दूरियाँ सब आपके पास हो  ऐसा आपका धनतेरस इस साल हो  धनतेरस की हार्दिक सुभकामनाये।  यह भी पढ़े :-     बच्चों का पढ़ाई में मन लगाने के आसान उपाय

केसर के तिलक लगाने के फायदे

केसर के तिलक का महत्व एव लाभ  - सनातनी संस्कृति में तिलक का बहुत महत्व माना जाता है। कोई धार्मिक कार्य या पूजा-पाठ में सबसे पहले सबको तिलक लगाया जाता है। यही नही जब हम कभी किसी धार्मिक स्थल पर जाते हैं तब भी सर्वप्रथम हमें तिलक लगाया जाता है।  सनातनी संस्कृति व शास्त्रों में तिलक को मंगल व शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए जब भी कोई व्यक्ति शुभ काम के लिए जाता है तो उसके मस्तक पर तिलक लगाकर उसे विदा किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं तिलक आपकी कई मनोकामनाएं भी पूरी करता है। शास्त्रों में तिलक के संबंध में विस्तार से बताया गया है। अलग-अलग पदार्थों के तिलक करने से अलग-अलग कामनाओं की पूर्ति होती है। चंदन, अष्टगंध, कुमकुम, केसर आदि अनेक पदार्थ हैं जिनके तिलक करने से कार्य सिद्ध किए जा सकते हैं। यहां तक कि ग्रहों के दुष्प्रभाव भी विशेष प्रकार के तिलक से दूर किए जा सकते हैं। तिलक का मुख्य स्थान मस्तक पर दोनों भौ के बीच में होता है, क्योंकि इस स्थान पर सात चक्रों में से एक आज्ञा चक्र होता है। शास्त्रों के अनुसार प्रतिदिन तिलक लगाने से यह चक्र जाग्रत हो जाता है और व्यक्ति को ज्ञा...

भगवान शिव ने हनुमान जी के रूप में अवतार लिया। आखिर क्यों,

  भगवान  शिव ने हनुमान जी के रूप  में अवतार लिया। आखिर क्यों,   भगवान शिव ने हनुमान जी के रूप  में अवतार लिया था इस बात को कई बार पढ़ा और सुना होगा। लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों किया था इस बात को जानने के लिए हमें इससे जुड़ी कहानी के बारे में जानना होगा। कहानी रामायण के प्रारंभ की है जब धरती पर श्री राम जी अवतार हुआ था। शिव का अवतार हनुमान जी ही थे और यह सच भी है की भगवान राम ही शिव के हनुमान जी अवतार का कारण बने थे। रामायण में बताया गया है की एक बार भगवान शिव की भी इच्छा हुई थी की पृथ्वी लोक चलकर भगवान राम के दर्शन किये जाये। उस समय भगवान राम जी की उम्र 5 साल के आसपास रही होगी। भगवान शिव के सामने समस्या यह थी की वह अपने असली रूप में नहीं जा सकते थे। ऐसे में एक दिन शिव ने माता पार्वती से कहा -जानती हो  पार्वती मेरे राम ने पृथ्वीपर जन्म लिया है और उनके दर्शन की सेवा का मन हुआ है। मेरी इच्छा है की अब में यहां से चला जाऊ और जिस लोक में राम है वही में भी रहुँ।  यह भी पढ़े :-   विवाह की अड़चनों को दूर करने का उपाय, करते ही होती है चट मंगनी और...

पुरे परिवार घर में जल्द बन जाएगा सुख शांति का वातावरण, करे छोटा सा उपाय

पुरे परिवार घर में जल्द बन जाएगा सुख शांति का वातावरण, करे छोटा सा उपाय   पुरे परिवार घर में जल्द बन जाएगा सुख शांति का वातावरण, करे छोटा सा उपाय   हमारे पूर्वजों ने घर को मंदिर की संज्ञा देते हुए कहा है की जिस घर में परिवार के सभी लोग आपसी तालमेल से रहते है उस घर में सदैव सुख शांति बानी रहती है। कभी भी किसी की बुरी नजर नहीं लगती। लेकिन वही घर परिवार का वातावरण अनुकूल नहीं हो. तब वह प्रत्येक सदस्य के जीवन को प्रभावित करता है. अगर किसी के  घर में किसी कारण से  सुख -शांति नहीं है. तो घरेलु उपायों  को आजमाकर आप हमेशा के लिए अपने घर में सुख-शांति बनाये रख सकते है।  1 घर में सुबह सुबह कुछ देर के लिए भक्ति गीत -भजन अवश्य करे।  2 घर में कभी भी झाड़ू को खड़ा करके ना रखे, उसे पैर ना लगाए,न ही उसके ऊपर से गुजरे अन्यथा घर में अलक्ष्मी निवास करने लगेगी।  3  अपने सोने के बिस्तर पर बैढ़कर भोजन ना करे ,ऐसा करने से बुरे सपने आते है ,या घर में दरिद्रता वास होने         लगता है।  4  घर के मुख्य द्वार पर या ...

बच्चों का पढ़ाई में मन लगाने के आसान उपाय

  बच्चों का मन पढ़ाई में न लगने के कारण बच्चों का पढ़ाई में मन न लगने पर अक्सर मां-बाप उन्हें डांट-फटकार लगाते हैं। जबकि उन्हें सबसे पहले इस बात की वजह का पता लगाना आवश्यक है। बच्चे के न पढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं।   स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं (जैसे – बढ़ता वजन, अस्थमा या अन्य कोई बीमारी)। दिमाग तेज न होना। लर्निंग पावर का कमजोर होना। भावनात्मक समस्याएं (जैसे माता-पिता में झगड़े, किसी बात का डर)। घर का माहौल ठीक न होना। हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (यह बच्चों में होने वाला सामान्य मानसिक विकार है। इसमें बच्चे में एकाग्रता की कमी देखी जा सकती है)। मनोरोग संबंधी विकार (जैसे एंग्जायटी, डिप्रेशन)। थकान और नींद पूरी न होना पर्यावरणीय कारक (जैसे कमरे में पर्याप्त रोशनी या वेंटिलेशन न होना)।  बच्चों का मन पढाई में लगाने के आसान 20 उपाय  1. बच्चे के प्रयास की सराहना करें यदि बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, तो उसे डांटने की बजाय उसे समझाने की कोशिश करें। अगर वो कुछ गलती करे, तो उसे समझाएं। बच्चे को समय दें और उनके साथ बैठें व उनका होमवर्क कराने में उनकी मदद करें। बच...

आंखे कमजोर होने के लक्षण

  आँखों की कमजोरी के लक्षण  आंखों में दर्द रहना आँखों में सूजन या लालिमा होना आंखों को कई बार मलना मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर देखते वक्त एक आंख बंद करके एक आंख से देखना या देखते देखते एक आंख बंद हो जाना खोलकर देखना सिर में अक्सर दर्द रहना (सिर दर्द के अन्य कारण भी हो सकते हैं। इसलिये डॉक्टर की सलाह अवश्य लें) आंखों में तेज रोशनी लगने पर दर्द होना या बर्दाश्त न कर पाना दूर या कुछ लोगों को पास की चीजें स्पष्ट नजर न आना आई बॉल की गति में बदलाव होना डबल विजन आंखों का तिरछापन दिखना आँखों में थकान रहना आंखों के सामने अंधेरा छा जाना या धुंधला दिखना भी आँखों की कमजोरी के लक्षण हो सकते हैं। आंख से पानी आना आंखों का लाल होना बच्चों की आँखे कमजोर होने के लक्षण अगर बच्चा ब्लैकबोर्ड का या किताब पढ़ने में आँखे छोटी या बड़ी कर रहा है या गलत शब्द पढ़ रहा है। तब आपके बच्चे में आँखों की कमजोरी के लक्षण हो सकते हैं अगर बच्चा धूप में निकलने के काफी देर बाद भी एक या दोनों आँखें बंद कर ले रहा है तो ऑंखें कमजोर होने के संकेत हो सकते हैं। अक्सर बच्चे अपनी नज़र तिरछी या भेंगा करके देखते हैं, यह भी आँखों के कम...