भगवान शिव ने हनुमान जी के रूप में अवतार लिया। आखिर क्यों,
भगवान शिव ने हनुमान जी के रूप में अवतार लिया था इस बात को कई बार पढ़ा और सुना होगा। लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों किया था इस बात को जानने के लिए हमें इससे जुड़ी कहानी के बारे में जानना होगा। कहानी रामायण के प्रारंभ की है जब धरती पर श्री राम जी अवतार हुआ था।
शिव का अवतार हनुमान जी ही थे और यह सच भी है की भगवान राम ही शिव के हनुमान जी अवतार का कारण बने थे। रामायण में बताया गया है की एक बार भगवान शिव की भी इच्छा हुई थी की पृथ्वी लोक चलकर भगवान राम के दर्शन किये जाये। उस समय भगवान राम जी की उम्र 5 साल के आसपास रही होगी। भगवान शिव के सामने समस्या यह थी की वह अपने असली रूप में नहीं जा सकते थे। ऐसे में एक दिन शिव ने माता पार्वती से कहा -जानती हो पार्वती मेरे राम ने पृथ्वीपर जन्म लिया है और उनके दर्शन की सेवा का मन हुआ है। मेरी इच्छा है की अब में यहां से चला जाऊ और जिस लोक में राम है वही में भी रहुँ।
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यह सुनकर पार्वती विचलित हो गई और दुखी होकर बोली की हे स्वामी मुझसे ऐसी कोनसी गलती हो गई है आप यहां छोड़कर कर पृथ्वी लोक पर रहने जा रहे है। स्वामी आप जाते है तो जाइये लेकिन एक बात सुन लीजिये की आपके बिना में यहां जीवित नहीं रहूंगी।
पार्वती माता की बात सुनकर शिव को अहसास हुआ की पार्वती भी मेरे बिना नहीं रह सकती। और अगर यहां से गया तो निश्चित ही रूप से पार्वती अपने प्राण की बलि दे देगी। ऐसे में शिव मोह के एक चक्रव्यूह में फंस जाते है। क्यों की एक तरफ माता पार्वती जी के पास भी रहना था और दूसरी तरफ भगवान राम के लोक में भी जाना था।
ऐसे में भगवान शिव ने अपने ग्यारह रुद्रो का पूरा राज माता पार्वती को बताया और बोले -देखो पार्वती इन ग्यारह रुद्रो में से एक रूप वानर का अवतार आज में लेने वाला हूँ। एक रुद्रों में से आज एक रूप वानर होगा जो बाद में हनुमान के रूप जाना जायेगा। शास्त्र बताते है की भगवान शिव सब जानते थे शिव जी राम जी के पुरे जीवनकाल को देख पा रहे थे। वह जानते थे एक बार राम जी को पृथ्वी का कल्याण करने के लिए मेरी आवश्य्कता होगी। शिव को यह भी पता था की कलयुग में ना में नजर आऊंगा ना ही राम। तब कोई अवतार भी धरती पर नहीं होगा। इसलिए शिव ने अपने एक शक्तिशाली रूप को जन्म दिया जो कलयुग में भी अजर -अमर रहेगा और धरती लोक के लोगों के दुःख दर्द को दूर किया करेगा। इसलिए आज भी भक्त लोग हनुमान जी के दर्शन साक्षात् कर लेते है। इस बात के बहुत से मिल चुके है हनुमान जी आज भी धरती पर मौजूद है।
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