खरैटी के चमत्कारी फायदे, कई रोगों में आती है काम,शरीर में बल,धातु और.इजाज
बला जिसे खिरैटी भी कहते हैं, यह जड़ी-बूटी वाजीकारक एवं पौष्टिक गुण के साथ ही अन्य गुण एवं प्रभाव भी रखती है अतः यौन दौर्बल्य, धातु क्षीणता, नपुंसकता तथा शारीरिक दुर्बलता दूर करने के अलावा अन्य व्याधियों को भी दूर करने की अच्छी क्षमता रखती है।
पेशाब की समस्या
बलगम बाली खांसी
खरैती,कंटकारी, बृहती, वासा के पत्ते और अंगूर को बराबर मात्रा में लेकर पानी की सहायता से पका लेते है। इसे 14 से 28 मिलीमीटर की मात्रा में 5 ग्राम शक्कर के साथ मिलाकर दिन में दो बार लेने से बलगम बाली खांसी ठीक हो जाती है।
दांतो के मसूढ़ों की सूजन
खरैटी के पत्तों का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन 3 से 4 बार कुल्ला करें। अगर आप एक हफ्ते तक रोजाना प्रयोग करते है तो मसूढ़ों की सूजन व मसूढ़ों का ढीलापन खत्म कर सकते है। पत्तों का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से मसूढ़ों से आने वाला खून और मसूढ़ों का सूजन ठीक होता है.
नपुंसकता
खरैटी के बीज 4 से 8 ग्राम सुबह-शाम मिश्री मिले गर्म दूध के साथ खाने से नामर्दी में पूरा लाभ मिलता है।और ये पौधा इस रोग में आपका साथ देता है.
पेशाब के साथ खून
कई बार गर्मी की वजह से पेशाब में खून आने की समस्या हो जाती है जिससे मूत्र नली में जलन,दर्द और सूजन हो जाता है. इसके लिए खरैटी का काढ़ा बनाकर लगभग 40 ml सुबह-शाम पीने से पेशाब से खून आना बंद हो जाता है. खरैटी की जड़ का काढ़ा 40 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम पीने से पेशाब में खून का आना बंद हो जाता है। और यदि आप इसका सेवन अच्छी तरह से करते है तो आपको फायदा होता है।
कमर के कटना
महिलाओं में होने वाले सफ़ेद पानी जाना यानि ल्यूकोरिया को दूर करने का यह बेहतर उपाय है.इसके लिए खरैटी के बीजों का पाउडर को एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम शहद के साथ सेवन कर दूध पीने से सफ़ेद पानी जाना की समस्या दूर हो जाती है. खरैटी की जड़ को पीसकर चूर्ण बनाकर शहद के साथ 3 ग्राम की मात्रा में दूध में मिलाकर सेवन करने से श्वेतप्रदर में लाभ प्राप्त होता है।
शारीरिक कमजोरी
खरैटी की जड़ का पाउडर सुबह शाम गुनगुने दूध के साथ सेवन करने और भोजन में दूध और चावल का खीर बनाकर खाने से शरीर का दुबलापन दूर होता है.इसके सेवन से शरीर के सातों धातुएं पुष्ट और बलवान होती है.तथा शरीर में बल,धातु और ओज की वृद्धि होती है.
मासिक धर्म
जिन महिलाओ को मासिक धर्म रूक जाता है.या मासिकधर्म अनियमित आता है.उनके लिए यह बहुत लाभदायक होता है. इसके लिए खरैटी,चीनी,मुलेठी,बाद के अंकुर,नागकेशर और पीला फूल की काटेरी के जड़ की छाल को पीसकर पाउडर बना लें. अब इस पाउडर को एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करने से रुका हुआ मासिक धर्म चालू हो जाता है.और मासिकधर्म अनियमतता दूर हो जाती है.
खुनी बवासीर
खरैटी के पंचांग को मोटा-मोटा कूटकर सुरक्षित रख लें.अब इसमें से एक चम्मच लेकर एक गिलास पानी में डालकर उबालें और जब चौथाई हिस्सा पानी बाख जाये तो उतारकर छान लें और ठंढा होने पर दूध में मिलाकर पी जाएँ ऐसा नियमित प्रयोग करने से बवासीर से खून आना रूक जाता है और खुनी बवासीर ठीक हो जाता है.
मंगलवार को हनुमान जी को प्रसन्न करें, दूर होंगे सभी संकट, जीवन में आएंगी खुशहाली ,
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